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\v 10 तुम साँचि हौ, और परमेश्‍वर फिर, कि तुम विश्‍वासीनके अग्गु कैसे हमर व्यवहार पवित्र, धार्मिक और निष्खोट रहए । \v 11 कहेकी तुमके पता हए, दौवा अपन लौड़ा लौड़ियाके जैसो करके हम तुमके सबए के कैसे अर्ती-उपदेश देताए और साहँस फिर देताए तुमके आदेश दए, \v 12 जा हेतुसे कि तुमरो चालचलन परमेश्‍वर योग्य होबए, जौन तुमके बाको अपनो राज्य और महिमामे बुलात् हए ।