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\v 3 काहेकी हमर अर्ति-उपदेश भुल और अशुध्दसे उब्जो ना हए, ना त् जा छलकपटसे भव हए: \v 4 पर जैसी सुसमाचार हमरे जिम्मामे सुम्पनके ताहिँ परमेश्‍वर हमके योग्य मानी, उइसी आदमीके खुशी करनके ना हए, पर हमर ह्रदय जाँचन बारो परमेश्‍वरके खुशी करनके हम बोलत हँए ।