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\v 12 प्रिय हो, तुमके जाँच करनबारो अग्निसमान परिक्षा तुमरे उपर आत कोइ अचम्मि बात कता तुम छक्क मतपणओ | \v 13 पर ख्रीष्टके कष्ट-भोगमे सहभागी होत रमाओ, ताकि बाको महिमा प्रकट होत तुम फिर आनन्दित और खुशी होन सिकओ | \v 14 अगर ख्रीष्टके नाउँमे तुम निन्दित हुइहौ कहेसे तुम धन्यके हौ | काहेकी महिमाको और परमेश्वरको आत्मा तुमरे उपर रहात हए |