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\v 7 जहेमारे तुम जो विश्‍वास करत हौ, तुमरे ताहिँ त बा बहुत मोलको हए, पर विश्‍वास नकरन बारेनके ताहिँ त, "जौन पत्थरके भवन बनान बारे रद्द करी बहए कोनेको खास-पत्थर बनो ।” \v 8 और, "एक पत्थर, जौन आदमीनके ठक्कर लगात हए, एक चट्टान, जौन बिनके गिराए देत हए ।” काहेकी बे वचन पालन ना करत हए, और गिरजात हँए । बिनके ताहिँ अइसी होन लिखो हए ।