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\v 9 \v 10 \v 11 ९ जौन मए ज्योतीमे हव कहीके काहत है और अपने भैयाके अच्छो ना मानत है तै बा अभए फिर अन्धकारमे हए।
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१० जौन अपने भौइयाके प्यार करत हए बा ज्योतीमे राहत हए और बामे ठक्करको कारन ना होतहए।
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११ पर जौन अपन भौइयाके अच्छो ना मानत है बा अन्धकारमे हए ।और अध्यारो मे नेगत हए । और मए काहं जाएरहो हओ बाके पता ना चलत हए । काहेकी अंध्यारो बाके अंधरा बनाए देत हए । |