From bc382f9394c1e80bda8ab3e4c236aad19091a577 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Sun, 30 Jul 2023 17:57:33 +0800 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 17:57:32 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 04/09.txt | 2 +- 04/11.txt | 2 +- manifest.json | 2 +- 3 files changed, 3 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/04/09.txt b/04/09.txt index c7a634b..51cd008 100644 --- a/04/09.txt +++ b/04/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 परमेश्‍वर प्रेम हमर विचमे अइसो प्रकट भओ, कि बा अपनो एक इकल्लो पुत्र के संसारमे पठाइ ताकी पुत्रसे हम जी सकए। \v 10 प्रेम जहएमे हए, कि हम परमेश्वरके प्रेम ना करे, पर बा हमसे प्रेम करी,और हमरे पापसे छुटकराके ताही अपने पुत्रके पठाई। \ No newline at end of file +\v 9 परमेश्‍वरको प्रेम हमर विचमे अइसो प्रकट भओ, कि बा अपनो एक इकल्लो पुत्र के संसारमे पठाइ ताकी पुत्रसे हम जी सकए । \v 10 प्रेम जहएमे हए, कि हम परमेश्‍वरके प्रेम ना करे, पर बा हमसे प्रेम करी,और हमरे पापसे छुटकराके ताही अपने पुत्रके पठाई । \ No newline at end of file diff --git a/04/11.txt b/04/11.txt index c5cb542..21084d7 100644 --- a/04/11.txt +++ b/04/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 प्रिय अगर परमेश्वर हमसे अइसो प्रेम करी हए कहेसे, हमओ फिर एक दुसरेसे प्रेम करए। \v 12 परमेश्वरके कोइ कभइ ना देखी हए। अगर हम एक दुसरेसे प्रेम करङ्गे कहसे परमेश्वर हमारे भितर राहथए, और वाको प्रेम हमारेमे पुरो हिथए। \v 13 बा हमके अपनी आत्मासे दइहए, र जहएकारनसे हम जानत हए कि हम विनमे राहथए, और बा हममे राहथए। \v 14 हम देखे हय, और गवाही देथए, कि पिता अपने पुत्रके संसारमे मुक्तीदाता होन पठाई हय। \ No newline at end of file +\v 11 प्रिय अगर परमेश्‍वर हमसे अइसो प्रेम करी हए कहेसे, हमऊ फिर एक दुसरेसे प्रेम करए। \v 12 परमेश्वरके कोइ कभइ ना देखी हए। अगर हम एक दुसरेसे प्रेम करङ्गे कहसे परमेश्वर हमारे भितर राहथए, और वाको प्रेम हमारेमे पुरो हिथए। \v 13 बा हमके अपनी आत्मासे दइहए, र जहएकारनसे हम जानत हए कि हम विनमे राहथए, और बा हममे राहथए। \v 14 हम देखे हय, और गवाही देथए, कि पिता अपने पुत्रके संसारमे मुक्तीदाता होन पठाई हय। \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index ac3ac0e..652134b 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -69,7 +69,7 @@ "04-01", "04-04", "04-07", - "04-11", + "04-09", "04-15", "04-17", "04-19",