From 0a29aa80b7414ce67c919eaed515fb064e02a5df Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Mon, 31 Jul 2023 08:34:41 +0800 Subject: [PATCH] Mon Jul 31 2023 08:34:41 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 05/01.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/05/01.txt b/05/01.txt index ff7704a..f6235c2 100644 --- a/05/01.txt +++ b/05/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 5 \v 1 येशु ही ख्रिष्ट हय कहिके विश्‍वास करनबारे हरेक परमेश्‍वरके बालक हए । जौन दउवाके प्रेम करत हए वा बाको लउडाके फिर प्रेम कर्थहए । \v 2 जब हम परमेश्वरके प्रेम कर्थए और बाको आज्ञापालन कर्थए जहएसे पता पाथए की हम परमेश्वरके सन्तानके प्रेम कर्थए। \v 3 परमेश्वरको प्रेम जहए हए की हम वाको आज्ञाके पालन कर्थए और वाको आज्ञा भारी नाहए। \ No newline at end of file +\c 5 \v 1 येशु ही ख्रिष्ट हय कहिके विश्‍वास करनबारे हरेक परमेश्‍वरके बालक हए । जौन दउवाके प्रेम करत हए वा बाको लउडाके फिर प्रेम कर्थहए । \v 2 जब हम परमेश्‍वरके प्रेम कर्थहए, और बाको आज्ञापालन कर्थहए, जहएसे पता पातहए की हम परमेश्‍वरके सन्तानके प्रेम कर्थहए । \v 3 परमेश्‍वरको प्रेम जहए हए की हम वाको आज्ञाके पालन कर्थहए और वाको आज्ञा भारी नाहए । \ No newline at end of file