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\v 29 \v 30 \v 31 29 भैया हो, मेरो कहाईको बात जहे हए, कि समय थोरी हए, और अब उप्रन्त बैयर होनबारो बैयर नभवजैसो रहए| 30 शोक करनबारो शोक नकरोजैसो और हर्ष मनान् बारो हर्ष नाए मनान् जैसो हुइके रहबए| किनमोल करनबारो अपनसंग कुछु चीज नभवजैसो रहबए| 31 और बे जौन संसारके चीज उपभोग करतहए, बिनमे अपनो कोई चासो नाए भव जैसो करए, काहेकी संसार वर्तमानको रुप बितके जात हए|