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\c 6 \v 1 तुमर मैसे एक आदमी दुसरेक भैँयासे लडाई भैइहए कहेसे न्यायके ताहिँ सन्तठीन ना जाएके अधर्मीठीन जान के बो आँट करैगो? \v 2 सन्त संसारको न्याय करत हए कहनबालो बात का तुमके पता नैयाँ? अगर संसारको न्याय तुमही के करन पडैगो कहेसे, छोटेसे- छोटे मुद्दा छिनन् का तुम अयोग्य हौ? \v 3 का तुमके पता नैयाँ, हम स्वर्गदूतको न्याय करत् हँए? जहेमारे जा जीवनसे होनबालो बात बडो हए का?