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\v 7 अगर बासुरी अथवा तन्दुरा जैसो निर्जीव बाजासे स्पस्ट आवाज नाए निकरहै कहेसे, कौन कौनछो बाजा बाज रहो हए कहिके कैसे जान पएहए ? \v 8 अगर तुरहीके ना चिन्होँ आवाजमे बजए हय कहेसे कैसे कोइ लडाइके ताँही तयार हुइहए ? \v 9 तुमर ताँही फिर अइसी हए । अगर ना बुझन जैसो मस्केहौ तौ तुमर बतकाव भौ बात कैसे जान पएहँएं ? तुम मस्कत रए हौ और कोई फिर तुमर बात ना बुझे हए । |