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\v 7 जा पाली तुमरे संग एक चोटिको यात्रा भेटघाट ना करके, प्रभुको इच्छा हुइहए तौ कुछ समय बितानके आशरा करेहौ । \v 8 पर पेन्तिकोसको तेवहार तक मए एफिससमे बैठंगो । \v 9 काहेकी मिर ताँही एक बणो फाटक खुलो हए ,पर विरोध करनबारे फिर बहुत हँए ।