\v 50 अब भैया , मए तुमके जा कहत हौ, कि मासु और रगत स्वर्गको राज्यको हकदार ना होत हए, नत विनाश अविनाशको हकदार हुइपए हए । \v 51 देखओ, मए तुमसे एक रहस्य कहत हौँ हम सबय ना मरङगे , पर हम सबको परिवर्तन होबैगो ।