\v 18 तभि त ख्रीष्टमे मरनबारे फिर नष्ट भए हँए । \v 19 अगर जा जीवनके ताँहि इकल्लो ख्रीष्टमे हम आशा करेहँए कहेसे हम सबए आदमीसे जद्धा दयनीय हँएँ ।