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\v 10 संसारमे बहुत किसिमके भाषा हँए ।कहि बातमे कुछ शङ्का ना हए और कोई फिर बिना अर्थके ना हँए। \v 11 अगर बोलो भाषाको अर्थ मए बुझो ना तौ मए बा आदमीके ताँही और बा आदमी मिर ताँही विदेशी हुइहए ।