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\v 5 तुम सब अन्य भाषामे मस्कौ कहिके मए चाँहत हौँ, पर बोसे ज़द्धा तुम अगमवाणी करौ कहिके मए चाँहत हौँ ।मण्डलीको आत्मिक वृध्दिके ताहिँ कोइ अर्थ ना खुलन तक अन्य भाषामे मस्कन बारोसे भबिष्बायबाणी करन बारो अच्छो हए । \v 6 भैया अगर मए तुमरठीन अन्य भाषामे बोलत आओ, पर तुमरेठीन कोइ प्रकाशको ज्ञान और अगमवाणी अथवा शिक्षाके ताँही मए तुमसे ना मस्कहौँ तबसम मोके कोइ फाइदा ना हुइहए ।