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\v 9 मोशाकी व्यवस्थामे एैसो लिखो हए , "दाँहँ करत ब्राधके मोखरी मतलगओ का परमेश्‍वर गौसए ब्राधको मात्र वास्ता करत हए ?" \v 10 का बा हमर ताँहिँ जा ना कही हए ? हमर ताँहिं जा लिखो हए । काहिके जोतन बारो और पैरी गाँहनबारो अन्नको थोरी हिस्सा पान आशामे जोतत् और गाँहत हए । \v 11 अगर हम तुमर बिचमे आत्मीक बिउ बोएहंएँ कहेसे, और तुमर भौतिक सम्पत्तिको कटानी करेहँए कहेसे, का बो जद्धा हुहए र ?