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\v 7 तहु फिर सब आदमीमे त जा ज्ञान ना होत हए । पर गजब आदमी पहिले मूर्तिपूजा करत रहँए और बे जा खानबारो चिज मूर्तिको चढोहए कहिके खातरहँएँ । और बिनको विवेक दुर्वल भौ हए जहेमारे अशुध्द होत हँए ।