thr_1co_text_reg/07/08.txt

1 line
495 B
Plaintext

\v 8 पर आविवाहीत और विधावाके मए कहतहओ, तुम मोए जैसो आविवाहीत रहिओ बिनके ताँहीं अच्छो हुइहए । \v 9 पर बे अपनाके वशमे ना रखपत हँए तव बेविहा करएँ । काहेकी अपन शरीरको अङ्गके जल्नसे विहा करन अच्छो हए ।