\v 5 \v 6 5 पर मुण खुल्ला छोणके प्रार्थना करन बारी, अथवा अगमवाणी बोलन बारी बैयर अपनो मुणको अपमान करत हए, काहेकी जा बो अपनो बार कटो जैसो हए| 6 काहेकी कोइ बैयर मुण नाए तोपत हए कहेसे बरु बो बार काटए| पर बार कटनो कि छोलनो बैयरके ताहिँ शर्मकि बात हए कहेसे बो मुणमे घुँघाट डारए