diff --git a/06/12.txt b/06/12.txt index db02659..21e5957 100644 --- a/06/12.txt +++ b/06/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 " सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर सब बातफाइदाके नैयाँ । “सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर मए कुछ बातको कमैया ना हुइहौँ । " \v 13 "भोजन पेटके ताँही, और पेट भोजनके ताँही हए|” पर परमेश्वर दुनेके नाशा करैगो| शरीर व्यभिचारके ताँही नैयाँ, पर प्रभुके ताँही हए, और प्रभु शरीरके ताँही हए ।" \ No newline at end of file +\v 12 " सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर सब बातफाइदाके नैयाँ । “सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर मए कुछ बातको कमैया ना हुइहौँ । " \v 13 "भोजन पेटके ताँही, और पेट भोजनके ताँही हए ।” पर परमेश्वर दुनेके नाशा करैगो । शरीर व्यभिचारके ताँही नैयाँ, पर प्रभुके ताँही हए, और प्रभु शरीरके ताँही हए ।" \ No newline at end of file diff --git a/06/14.txt b/06/14.txt index d0c4c93..f8a7701 100644 --- a/06/14.txt +++ b/06/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 14 परमेश्वर अपन शक्तिसे प्रभुके जीवित करी हए, और हमके फिर बाको शक्तिसे जीवित करैगो । \v 15 15 तुमर शरीर ख्रीष्टके अङ्ग हए कहिके का तुमके पता नैयाँ? तव का मए ख्रीष्टके अङ्ग लैके बिनके वेश्याके अशुध्द अङ्ग तुल्यामंगो? जा कबहु ना होबए ! \ No newline at end of file +\v 14 परमेश्वर अपन शक्तिसे प्रभुके जीवित करी हए, और हमके फिर बाको शक्तिसे जीवित करैगो । \v 15 तुमर शरीर ख्रीष्टके अङ्ग हए कहिके का तुमके पता नैयाँ? तव का मए ख्रीष्टके अङ्ग लैके बिनके वेश्याके अशुध्द अङ्ग तुल्यामंगो? जा कबहु ना होबए ! \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 4403a99..831ea1b 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -92,6 +92,7 @@ "06-01", "06-04", "06-07", + "06-12", "07-title", "09-title", "10-title",