From 70628f4a9184fa35b8bbfde3ce90b69b3749e19b Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 15:07:08 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 15:07:08 GMT+0545 (Nepal Time) --- 14/15.txt | 2 +- 14/17.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/14/15.txt b/14/15.txt index 4f5534b..7d4f6f9 100644 --- a/14/15.txt +++ b/14/15.txt @@ -1 +1 @@ -\v 15 अब मए का कारौँ ? मए आत्मामे प्रार्थना कराङ्गो, पर दिमाकसे फिर प्रार्थना करत हौ । आत्मासे गामंगो और मए मिर दिमाकसे फिर गामंगो । \v 16 अगर तुम आत्मामे परमेश्वरको प्रशंसा करत तुमर कहिभई बात बाहिरके ना बुझीँ तौ कैसे बे आमेन कएहँएँ ? \ No newline at end of file +\v 15 अब मए का कारौँ ? मए आत्मामे प्रार्थना कराङ्गो, पर मए मिर दिमाकसे फिर प्रार्थना करङ्गो । आत्मासे गामंगो और मए मिर दिमाकसे फिर गामंगो । \v 16 अगर तुम आत्मामे परमेश्वरको प्रशंसा करत तुमर कहिभई बात बाहिरके ना बुझीँ तौ कैसे बे आमेन कएहँएँ ? \ No newline at end of file diff --git a/14/17.txt b/14/17.txt index 7cc7e64..715e482 100644 --- a/14/17.txt +++ b/14/17.txt @@ -1 +1 @@ -\v 17 17 तुम त आच्छोसे धन्यवाद देहौ, पर बो दुसरे आदमीके कोइ आत्मिक वृध्दि नाए कर हए| \v 18 18 मए परमेश्वरके धन्यवाद चढ़ात हौ, काहेकी तुम सब से जद्धा मए अन्य भाषामे बोलत हौ| \v 19 19 तहुफिर मण्डलीमे अन्य भाषामे दश हजार बोली बोलनसे त अपन दिमाकसे पाँच बोली औरनके शिक्षा देन हेतुसे मए बोलन चाहत हौ| \ No newline at end of file +\v 17 तुम त आच्छोसे धन्यवाद देहौ, पर बो दुसरे आदमीके कोइ आत्मिक वृध्दि नाए कर हए| \v 18 18 मए परमेश्वरके धन्यवाद चढ़ात हौ, काहेकी तुम सब से जद्धा मए अन्य भाषामे बोलत हौ| \v 19 19 तहुफिर मण्डलीमे अन्य भाषामे दश हजार बोली बोलनसे त अपन दिमाकसे पाँच बोली औरनके शिक्षा देन हेतुसे मए बोलन चाहत हौ| \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 36e67fe..2c28f29 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -180,6 +180,7 @@ "14-07", "14-10", "14-12", + "14-15", "15-title", "16-title" ]