Sun Jul 30 2023 15:39:08 GMT+0545 (Nepal Time)
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b0f25a320d
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4daa964da9
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\v 24 तव सब अगमवाणी कहत बेरा कोइ अनविश्वासी अथवा बाहिरको आदमी हुवाँ घुसी गओ तव सब से अग्गु अपनो पापको बोध हुइहए, और सबसे बो जँचैगो । \v 25 "बाकि हृदयकि लुकी बात प्रकट हुइहए, और घुप्टाएके बो परमेश्वरके आराधना करहए, और बो ""परमेश्वर तुमके विचमे हए"" कहिके घोषण करत हए ।"
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\v 24 तव सब अगमवाणी कहत बेरा कोइ अनविश्वासी अथवा बाहिरको आदमी हुवाँ घुसी गओ तव सब से अग्गु अपनो पापको बोध हुइहए, और सबसे बो जँचैगो । \v 25 "बाकि हृदयकि लुकी बात प्रकट हुइहए, और घुप्टाएके बो परमेश्वरके आराधना करहए, और बो ""परमेश्वर तुमके विचमे हए"" कहिके कएहए ।"
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\v 26 26 भैया तुम, अब हम का कहए? तुम एक ठिन इकठ्ठा होत हरेकसंग भजन और शिक्षा, प्रकाश, अन्य भाषा और अर्थ खोलाई होत हए| जा सब बात आत्मिक वृध्दिके ताहि हए| \v 27 27 कोइ अन्य भाषा बोलत हए तव दुई जनै इकल्लो ज़द्धामे तिन जनै पालो पालोसंग बोलए और एक जनै बाको अर्थ खोलए| \v 28 28 अर्थ खोलनबारो हुवाँ कोइ नैयाँ तव बोलनबारो मण्डलीके सभामे चूप रहए, और बो अपनएसंग और परमेश्वरसंग बोलए|
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\v 26 भैया तुमसे, अब हम का कहँएँ? तुम एक ठिन इकठ्ठा होत सबएसंग भजन और शिक्षा, प्रकाश, दु भाषा और अर्थ खोलाई होत हए| जा सब बात आत्मिक वृध्दिके ताहि हए । \v 27 कोइ अन्य भाषा बोलत हए तव दुई जनै इकल्लो ज़द्धामे तिन जनै पालो पालोसंग बोलए और एक जनै बाको अर्थ खोलए| \v 28 28 अर्थ खोलनबारो हुवाँ कोइ नैयाँ तव बोलनबारो मण्डलीके सभामे चूप रहए, और बो अपनएसंग और परमेश्वरसंग बोलए ।
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