From 47353721814ae75faefe95533dea0fd3146d4745 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 21:30:03 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 21:30:03 GMT+0545 (Nepal Time) --- 05/11.txt | 2 +- 06/01.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/05/11.txt b/05/11.txt index 3ff4ead..fe35bb7 100644 --- a/05/11.txt +++ b/05/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 पर आईसो सङ्गत मतकरीओ कहिके मए तुमके ताहिँ लिखो, जौन अपनयके विश्वासी भैया हौ काहिके कहतहए, पर वास्तवमे बो व्यभिचारी, और लोभी, और मूर्तिपूजक, और निन्दा करनबारो, और मतवालो और लुटहा हए । बो अइसो आदमीकेसंग त खान फिर मत बैठओ ।\v 12 काहेकी बाहिर बालेके इन्साफ करन मोके का खाँचो? का तुम मण्डली भितरके न्याय करन ना पड्त हए का ? \v 13 बाहिरबालेके न्याय परमेश्वरय करत हए| “तुम अपन बीचसे दुष्ट आदमीके निकारदेओ ।” \ No newline at end of file +\v 11 पर आईसो सङ्गत मतकरीओ कहिके मए तुमके ताहिँ लिखो, जौन अपनयके विश्वासी भैया हौ काहिके कहतहए, पर वास्तवमे बो व्यभिचारी, और लोभी, और मूर्तिपूजक, और निन्दा करनबारो, और मतवालो और लुटहा हए । बो अइसो आदमीकेसंग त खान फिर मत बैठओ । \v 12 काहेकी बाहिर बालेके इन्साफ करन मोके का खाँचो? का तुम मण्डली भितरके न्याय करन ना पड्त हए का ? \v 13 बाहिरबालेके न्याय परमेश्वरय करत हए । “तुम अपन बीचसे दुष्ट आदमीके निकारदेओ ।” \ No newline at end of file diff --git a/06/01.txt b/06/01.txt index ec79c33..093fa72 100644 --- a/06/01.txt +++ b/06/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 6 \v 1 1 तुमर मैसे एक आदमी दुसरेक भैँयासे लडाई भैइहए कहेसे न्यायके ताहिँ सन्तठीन ना जाएके अधर्मीठीन जान के बो आँट करैगो? \v 2 2 सन्त संसारको न्याय करत हए कहनबालो बात का तुमके पता नैयाँ? अगर संसारको न्याय तुमही के करन पडैगो कहेसे, छोटेसे- छोटे मुद्दा छिनन् का तुम अयोग्य हौ? \v 3 3 का तुमके पता नैयाँ, हम स्वर्गदूतको न्याय करत् हँए? जहेमारे जा जीवनसे होनबालो बात बडो हए का? \ No newline at end of file +\c 6 \v 1 तुमर मैसे एक आदमी दुसरेक भैँयासे लडाई भैइहए कहेसे न्यायके ताहिँ सन्तठीन ना जाएके अधर्मीठीन जान के बो आँट करैगो? \v 2 सन्त संसारको न्याय करत हए कहनबालो बात का तुमके पता नैयाँ? अगर संसारको न्याय तुमही के करन पडैगो कहेसे, छोटेसे- छोटे मुद्दा छिनन् का तुम अयोग्य हौ? \v 3 का तुमके पता नैयाँ, हम स्वर्गदूतको न्याय करत् हँए? जहेमारे जा जीवनसे होनबालो बात बडो हए का? \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 61d2a3f..76ac5db 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -87,6 +87,7 @@ "05-03", "05-06", "05-09", + "05-11", "06-title", "07-title", "09-title",