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\v 58 58 जहेमारे प्यारे भैया तुम, स्थिर और अटल होबओ| प्रभुको काममे सबदिन बदलतजाओ| काहेकी तुम जानतहौ, कि प्रभुमे तुमर परिश्रम व्यर्थ नाए होतहए|
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