# तेजोमय प्रभु “यीशु महिमामय प्रभु” # आंखों ने नहीं देखी और कान ने नहीं सुनी, ...चित्त में नहीं चढ़ी। यहाँ मनुष्यत्व की इन तीन ईन्द्रीयों पर बल देने का अभिप्राय यह है कि कोई भी मनुष्य परमेश्वर द्वारा तैयार की गई बातों को कभी समझ नहीं पाया है। # परमेश्वर ने अपने प्रेम करनेवालों के लिए जिन बातों को तैयार किया है। परमेश्वर ने अपने प्रेमियों के लिए स्वर्ग में अद्भुत आश्चर्य की बातें रखी है