# सामानय जानकारी: बुद्धि बोलना जारी रखती है। # स्थिर वह स्ठाई होने के लिए लाया गया था। # गहरे सागर के सोते फूटने लगे यह स्पष्ट रूप मे कहा जा सकता है कि “जब परमैश्‍वर गहराईयो से बोल रहे थे”। # गहरे सागर के सोते फूटने लगे पुराने समय इब्रानी लोगो ने सोचा कि सागर के समुद्र के तल पर झरने का पानी मिला। # जब उसने समुद्र की सीमा ठहराई जब उसने महा सागरो के लिए तट बनाए और उसनॆ सूखी भूमि को अलग किया। # जब वह पृथ्वी की नींव की डोरी लगाता था शब्द “पृथवी“ के लिए इब्रानी का अर्थ “भूमि है। # जब उसने समुद्र की सीमा ठहराई, कि जल उसकी आज्ञा का उल्लंघन न कर सके यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि “जब परमेश्‍वर ने पृथवी की नीव के लिए सीमा निर्धारित की”।