# व्यर्थ बात "अर्थहीन" या "निरर्थकता"। जो चीजें होती हैं लेकिन नहीं होनी चाहिए। अर्थात् जैसे कि दुष्ट लोगों के साथ होने वाली अच्छी बातें और अच्छे लोगों के साथ होने वाली बुरी बातें। # अर्थात् ऐसे धर्मी हैं जिनकी वह दशा होती है। जो लोग पृथ्वी पर कुछ और करते हैं। # क्योंकि यही उसके जीवन भर जो परमेश्‍वर उसके लिये ठहराए जब तक परमेश्‍वर उसे जीवित रहने की अनुमति देता है।