# x में शुरू किये यहूदियों के संबोधन को, पतरस भजन संहिता में निहित दाऊद के उद्धरणों के साथ आगे बढाता है # अपने पवित्र जन “अपने अभिषिक्त अथवा चुने हुओं को” # सड़ने उसका शरीर मृत न बना रहेगा कि वह सड़ने लगे। अनुवाद करते समय “सड़ने का अनुभव” भी लिख सकते हैं। # जीवन के मार्ग “जीवनदायी सत्य”