# जो तू ऊन कतर रहा है कि तेरे ऊन कतरने वाले काम कर रहे हैं # और न तो हमने उनकी कुछ हानि की और न उनका कुछ खोया हमने उनको और संपत्ति को हर हानि से बचाकर रखा # इन जवानों पर तेरे अनुग्रह की दृष्टि हो तेरी प्रसंनता मेरे जवानों पर हो # अपने दासों दाऊद अपने जवानों को उसके दास कह कर उसे सम्मान दे रहा था # अपने बेटे दाऊद को दाऊद अपने आप उसका बेटा कह कर बड़ी उमर के नाबाल को आदर दे रहा था