# मैं तो दुःखिया हूँ मैं एक बहुत दु:खी औरत हूँ। # मैंने अपने मन की बात खोलकर यहोवा से कही है। मैंनें यहोवा को अपने मन की सबसे गहरी भावनाएँ बताईं हैं। # अपनी दासी को न जान, मुझे मत समझो। # जो कुछ मैंने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।” मैं एक बहुत दु:खी औरत हूँ।और उसके पति की दूसरी पत्नी उसका हमेशा ही मज़ाक उड़ाती थी। # शोकित होने और चिढ़ाई जाने हन्ना उदास और नाराज़ थी क्योंकि उसके पति की दूसरी पत्नी उसका हमेशा ही मज़ाक उड़ाती थी। # शोकित होने पनिन्ना उससे जलन रखती और चिढ़ाती थी। # चिढ़ाई जाने हन्ना दु:ख और लज्जा महसूस करती थी क्योंकि पनिन्ना उसके साथ बहुत निर्दयी थी।