2017-08-29 21:40:57 +00:00
|
|
|
# मैंने लगाया
|
2021-08-16 19:58:42 +00:00
|
|
|
|
|
|
|
परमेश्वर के ज्ञान की तुलना एक बीज से की गई है, जिसे विकसित होने के लिए बोना आवश्यक है।
|
|
|
|
|
2017-08-29 21:40:57 +00:00
|
|
|
# सींचा
|
2021-08-16 19:58:42 +00:00
|
|
|
|
|
|
|
जैसे बीज को विकसित होने के लिए पानी की आवश्यकता होती है वैसे ही विश्वास की उन्नति करने के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है।
|
|
|
|
|
2017-08-29 21:40:57 +00:00
|
|
|
# बढ़ाया
|
2021-08-16 19:58:42 +00:00
|
|
|
|
|
|
|
जिस प्रकार पौधे विकसित होकर बढ़ते हैं उसी प्रकार विश्वास और परमेश्वर का ज्ञान विकसित होकर गहरा और अधिक दृढ़ होता है।
|
|
|
|
|
2017-08-29 21:40:57 +00:00
|
|
|
# इसलिए न तो लगानेवाला कुछ है... परमेश्वर ही सब कुछ है जो बढ़ानेवाला है।
|
2021-08-16 19:58:42 +00:00
|
|
|
|
2017-08-29 21:40:57 +00:00
|
|
|
पौलुस बल देकर कह रहा है कि विश्वासियों के आत्मिक विकास के लिए न तो उस और न ही अप्पुलोस को श्रेय जाता है परन्तु केवल परमेश्वर ही का कार्य है।
|