पौलुस जिस बात पर बल दे रहा है, वह है कि वह और अपुल्लोस सुसमाचार के मूल स्रोत नहीं हैं, अतः विश्वासियों के प्रचारक समूहों को सुसमाचार का स्रोत न बनाए। वैकल्पिक अनुवाद:"यह उचित नहीं कि विश्वासी पौलुस या अपुल्लोस के कारण अलग-अलग दल बनाकर सुसमाचार को विभाजित करे"
पौलुस स्वयं ही अपने प्रश्न का उत्तर देता है कि वे दोनों ही परमेश्वर के सेवक हैं। वैकल्पिक अनुवाद: “तुम ने पौलुस और अपुल्लोस की शिक्षाओं द्वारा शुभ सन्देश में विश्वास किया है”।