पौलुस इस बात पर बल दे रहा है कि सच्चे ज्ञानवान मनुष्य कही नहीं है। वैकल्पिक अनुवाद: सुसमाचार की तुलना में कोई भी मनुष्य, ज्ञानवान नहीं है, चाहे कोई विद्वान हो या विवाद करने वाला हो।
पौलुस इस प्रश्न द्वारा बल देना चाहता है कि परमेश्वर ने इस संसार के ज्ञान का क्या कर दिया है। वैकल्पिक अनुवाद: "परमेश्वर ने निश्चय ही इस संसार के ज्ञान को मुर्खता ठहरा दिया है" या "परमेश्वर उस संदेश से प्रसन्न हुआ जिसे उन लोगो ने मुर्खता समझा था"(यू.डी.बी.)