“तू अपने जीवन के लिए मेरा ऋणी है”। फिलेमोन अपने जीवन के लिए पौलुस का ऋणी कैसे है, इसे स्पष्ट किया जा सकता है। “तू मेरा अत्यधिक ऋणी है क्येांकि मैंने तेरे जीवन को बचा लिया है” या “तू जीवन के लिए मेरा ऋणी है क्योंकि मैंने जो शिक्षा दी उससे तेरा जीवन नाश होने से बच गया”। पौलुस के कहने का अभिप्राय था कि फिलेमोन यह नहीं कह सकता कि पौलुस या उनेसिमुस उसके ऋणी हें क्योंकि उनेसिमुस फिलेमोन पौलुस का और भी अधिक ऋणी था
इसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, “मेरा दिल खुश कर दे” या “मुझे प्रसन्न कर दे” या “मुझे शान्ति प्रदान कर दे” पौलुस कैसे चाहता था कि फिलेमोन यह करे तो उसे स्पष्ट करें कि कैसे। “उनेसिमुस को दया करके ग्रहण करके मेरा मन हर्षित कर दे”।