hi_tn/job/16/18.md

24 lines
1.1 KiB
Markdown
Raw Permalink Normal View History

2021-08-16 21:23:19 +00:00
# हे पृथ्वी, तू मेरे लहू को न ढाँपना
"काश मेरा खून ज़मीन में ना समाए ताकि यह जमीन के उपर ही रहे और इस बात का सबूत हो कि मैं कैसे मरा।"
# हे पृथ्वी, तू मेरे लहू को न ढाँपना
"पृथ्वी, जब मैं मरूं तो यह मत छिपाना कि मैं कैसे गलत तरीके से मरा।”
# मेरी दुहाई कहीं न रुके।
"हर किसी को सुनने दो की मेरे साथ क्या हुआ है"
# स्वर्ग में मेरा साक्षी है
अय्यूब को भरोसा है कि कोई उसके लिए परमेंश्‍वर से बात करेगा।
# गवाह
“साक्षी“
# ऊपर है
“स्वर्ग में।"