hi_tn/act/02/14.md

12 lines
877 B
Markdown
Raw Permalink Normal View History

2017-08-29 21:40:57 +00:00
# ग्यारह के साथ खड़ा हुआ
2021-08-16 19:58:42 +00:00
2017-08-29 21:40:57 +00:00
पतरस की कही बात का समर्थन सभी प्रेरितों ने किया।
2021-08-16 19:58:42 +00:00
2017-08-29 21:40:57 +00:00
# पहर ही दिन चढ़ा है
2021-08-16 19:58:42 +00:00
“अभी तो सुबह के नौ ही बजे हैं” (यूडीबी)। पतरस अपने सुननेवालों से यह जानने की आशा रखता था कि सुबह-सुबह कोई नशे में धुत नहीं होता। यह जानकारी अन्तर्निहित थी, जिसे ज़रुरत पड़ने पर स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जा सकता था।
2017-08-29 21:40:57 +00:00
# पहर ही दिन
2021-08-16 19:58:42 +00:00
“सुबह के नौ बजे” (यूडीबी)।