इसका सन्दर्भ यूहन्ना से है, यीशु का प्रेरित और चेला. वह अपना जिक्र एक "प्राचीन" के रूप में करता है या तो अपनी बड़ी उम्र के कारण या इसलिए क्योंकि वह कलीसिया का एक अगुवा है. लेखक का नाम स्पष्ट किया जा सकता है : "मैं, प्राचीन यूहन्ना, लिख रहा हूँ."
यूनानी भाषा में पत्रों का आरम्भ इस प्रकार किया जाता है. जिसका अनुवाद इस प्रकार से किया जा सकता है," मैं, प्राचीन यूहन्ना तुम विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ."
सम्पूर्ण अर्थ को स्पष्ट किया जा सकता है : "क्योंकि यीशु के सन्देश का सत्य हम में रहता है क्योंकि हम ने इसमें विश्वास किया है, और यह हम में सदैव रहेगा."