# इसलिए.... किसी बात का न्याय न करो प्रभु जब आएगा तक वह न्याय करेगा, हमें न्याय करने की आवश्यकता नहीं है # जब तक प्रभु न आए प्रभु के पुनः आगमन तक # मनों के अभिप्रायों को “मनुष्यों के आन्तरिक उद्देश्यों को” # वही अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखायेगा और मनों के अभिप्रायों को प्रगट करेगा। परमेश्वर मनुष्य के मन के विचार और उद्देश्यों को सामने लाएगा। प्रभु के समक्ष कुछ भी छिपा नहीं है।