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\v 34 34 बैयर मण्डलीको सभामे चूपचाप रहमै| बिनके बोलनके अनुमति नैयाँ, पर व्यवस्था कही अनुसार बे अधिनमे रहमए| \v 35 35 कोइ चिजके बारेमे पुछन चाहत हए तव घरमे अपन-अपन लोगाके पुछए| काहेकी मण्डलीमे बैयरके बोलानो शर्मकि बात हए| \v 36 36 का परमेश्वर वचन तुमसे सुरु भव हए? अथवा का तुमरेठीन इकल्लो आओ हए?