thr_1co_text_reg/07/20.txt

1 line
1.2 KiB
Plaintext

\v 20 20 जैन अवस्थामे आदमीके बोलावट भव हए, बहेमे नै हरेक आदमी रहो रहबए| \v 21 21 तुमर बोलावट होतपेती तुम कमैया रहौ? अगर रहौ कहेसे बाको वास्ता मतकरौ, पर स्वतन्त्र होन सिकैगे कहेसे बाको फाईदा उठाबै| \v 22 22 कहिके प्रभुमे बोलावट होतपेती जौन आदमी कमैया रहए, अब बो प्रभुके स्वतन्त्र आदमी भव हए| अइसी करके बोलावट भव समयमे जो आदमी स्वतन्त्र रहए, बो ख्रीष्टको कमैया भव हए| \v 23 23 तुम मोल तिरके किनेभए हौ, आदमीको कमैया नाए बनए| \v 24 24 जहेमरे भैया हो, जौनके जैसो अवस्थामे बोलावट भव हए, प्रत्येक बहे अस्थामे परमेश्वरसंग रहबै