thr_1co_text_reg/06/12.txt

1 line
739 B
Plaintext

\v 12 12 " सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर सब बातफाइदाके नैयाँ| “सब बात मेरे ताँही न्यायसंगत हँए,” पर मए कुछ बातको कमैया ना हुइहौँ । " \v 13 13 "भोजन पेटके ताँही, और पेट भोजनके ताँही हए|” पर परमेश्वर दुनेके नाशा करैगो| शरीर व्यभिचारके ताँही नैयाँ, पर प्रभुके ताँही हए, और प्रभु शरीरके ताँही हए ।"