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\v 22 जहेमारे अन्य भाषा विश्वासीके ताँहि ना हए, पर अनविश्वासीके ताँहि चिन्हा हए । पर अगमवाणी त अनविश्वासीके ताँहि ना हए पर विश्वासीके ताँहि चिन्हा हए । \v 23 अगर जम्मए मण्डली इकठ्ठा हुइके सबए अन्य भाषामे मस्कत बाहिरके औ विश्‍वास ना करनबारे बा हुना आत बे तुम पागल हौ ना कएहँएँ का?