\v 29 29 नत मरेभएके ताहि बप्तिस्मा लाओको अर्थ का भव? मरेभए जिन्दा नाए हुईके फिर त बिनके ताहि आदमी काहे बप्तिस्मा लेतहए? \v 30 30 मए काहे हरघड़ी जोखिममे पणतहओ|