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\v 13 \v 14 \v 15 \v 16 13 तुम अपनए विचार करौ, मुण नाए तोपके परमेश्वरके प्रार्थना करत बैयरके सोहातहए का? 14 लोग लम्बो बार पलहे कहेसे बो बाके ताहिँ शर्मकी बात हए कहिके प्रकृतिक फिर तुमके सिखात नाए हए का? 15 पर अगर बैयरको लम्बो बार हए कहेसे बोके ताहिँ गौरव हए| काहेकी बैयरको बार बोके तोपनके ताहिँ दै हए| 16 पर कोइ जाके बारेमे वाद-विवाद करन चाहत हए कहेसे, हमर अइसो कोइ रिति नैयाँ, नत परमेश्वर मण्डलीको नए हए

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\v 17 \v 18 \v 19 17 पर जे आदेश देत मए तुमर तारिफ नाए करंगो, काहेकी तुम भेला होत बो अच्छोके ताहिँ नाए होत हए, पर बो और खराबीके ताहिँ हए| 18 काहेकी पहिले त, मण्डलीमे एकसंग भेला होत तुमरमे फाटो हए कहिके मए सुनत हौ| तव कुछ मात्रमे मए बो विश्वास फिर करत हौ| 19 तुमर मैसे ग्रहणयोग्य ठहरे भए चिनन् ताहिँ तुमरमे मतभेद होन फिर आवश्यक हए|

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\v 20 \v 21 \v 22 20 जब तुम एकसंग भेला भए खानपिन करत हौ बो चाहिँ प्रभु-भोज नैयाँ| 21 काहेकी खान बैठत हरेक अपनो भोजन खात हए, और कोइ भुखो रहत हए, तव कोइचाहिँ मद्धसे मातो होतहए| 22 का खान और पिनके ताहिँ तुमर अ- अपन घर नैयाँ का? अथवा का तुम परमेश्वरको मण्डलीके तुच्छ ठाहरत हौ और कछु नाए होनबारोके अपमान करत हौ? मए तुमसे का कहौ? का जाके ताहिँ मए तुमर तारिफ* करौ? मए कदापि नाए करहौ

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\v 23 \v 24 23 काहेकी प्रभुसे मए जो पाओ,सो तुमके सौप दौ, अर्थात् जौन रात बो पकणओ भव, बो रात प्रभु येशू रोटी लै, 24 और धन्यवाद दैके पिच्छु बो रोटी तोणी, और कही, “जा तुमर ताहिँ मेरो शरीर हए| जा मेरो सम्झनाके ताहिँ करौ|”

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\v 25 \v 26 25 अइसी करके खाएके पिच्छु बो कटोरा लैके कही, “जा कटोरा मेरो रगतमे भव नयाँ करार हए| जब- जब तुम जा पिबैगे, मेरो सम्झनामे जा अक्सर करौ|” 26 कहेकी जब-जब तुम जा रोटी खाबैगे और जा कटोरामैसे पिबैगे, बाके नाए आनतक तुम प्रभुको मृत्युको घोषणा करत हौ|