From e6d88fd5d0d069a453ae4f86ae489798e2f023ab Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 17:23:09 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 17:23:08 GMT+0545 (Nepal Time) --- 15/37.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/15/37.txt b/15/37.txt index 7ad8110..8b9aa57 100644 --- a/15/37.txt +++ b/15/37.txt @@ -1 +1 @@ -\v 37 जो तुम लगात हौ बो चाहिँ पच्छु होनबारी शरीर नैयाँ, पर बीज इकल्लो लगात हौ, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए। \v 38 पर अपनके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और हरेक किसिमको बीजके बहेको शरीर देतहए । \v 39 सबै शरीर एक किसिमको नाए होत हए| आदमीको शरीर एक किसिमको, और जीवजन्तुको दुसरो किसिमको, चिरैयाको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर हए । \ No newline at end of file +\v 37 जो तुम लगात हौ बा त पिच्छु होनबारी शरीर ना हए , पर बीज इकल्लो हए ।, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए। \v 38 पर अपनके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और हरेक किसिमको बीजके बहेको शरीर देतहए । \v 39 सबै शरीर एक किसिमको नाए होत हए| आदमीको शरीर एक किसिमको, और जीवजन्तुको दुसरो किसिमको, चिरैयाको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर हए । \ No newline at end of file