From 99d4b9a550da095dcbfc4d2643b5b0499a68ee6e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Sun, 30 Jul 2023 12:07:07 +0545 Subject: [PATCH] Sun Jul 30 2023 12:07:07 GMT+0545 (Nepal Time) --- 12/21.txt | 2 +- 1 file changed, 1 insertion(+), 1 deletion(-) diff --git a/12/21.txt b/12/21.txt index fa929d4..58e5c37 100644 --- a/12/21.txt +++ b/12/21.txt @@ -1 +1 @@ -\v 21 "आँखी हातके "मोके तेरो जरुरत नैयाँ" कहन ना पएहए, और मुण फिर टाङगके "मोके तिर जरुरत नैयाँ " कहन ना पएहए ।" \v 22 बरु शरीर झन कमजोर देखनबारो अङग नाए हुइके नाहोत हए । \v 23 शरीरके बे अङग जौनके हम कम महत्त्वको ठानत् हए, बिनके हम जद्धा आदर देतहए| प्रत्यक्ष रुपमे दिखान नाए सिकन बारो अङगके हम एकदम अच्छोसे धरतहए, \v 24 प्रत्यक्ष दिखानबारो हमर अङगके अइसो हिफाजत नाए चाहतहए| पर परमेश्वर हमर शरीरके अइसो मिलाईहए कि छोटे अङगके जद्धा आदर प्रदान करीहए, । \ No newline at end of file +\v 21 "आँखी हातके "मोके तेरो जरुरत नैयाँ" कहन ना पएहए, और मुण फिर टाङगके "मोके तिर जरुरत नैयाँ " कहन ना पएहए ।" \v 22 बरु कमजोर मनेभए शरीरके अंग और जरु देखनबारो अङग नाए हुइके नाहोत हए । \v 23 शरीरके बे अङग जौनके हम कम महत्त्वको ठानत् हए, बिनके हम जद्धा आदर देतहए| प्रत्यक्ष रुपमे दिखान नाए सिकन बारो अङगके हम एकदम अच्छोसे धरतहए, \v 24 प्रत्यक्ष दिखानबारो हमर अङगके अइसो हिफाजत नाए चाहतहए| पर परमेश्वर हमर शरीरके अइसो मिलाईहए कि छोटे अङगके जद्धा आदर प्रदान करीहए, । \ No newline at end of file