From 95e3d2c934d1183fe65ebfe1a5e414515cfca4e0 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Thu, 27 Jul 2023 16:18:17 +0545 Subject: [PATCH] Thu Jul 27 2023 16:18:16 GMT+0545 (Nepal Time) --- 14/37.txt | 2 +- 14/39.txt | 2 +- 15/01.txt | 2 +- 15/03.txt | 2 +- 15/05.txt | 2 +- 15/08.txt | 2 +- 15/10.txt | 2 +- 15/12.txt | 2 +- 15/15.txt | 2 +- 15/18.txt | 2 +- 10 files changed, 10 insertions(+), 10 deletions(-) diff --git a/14/37.txt b/14/37.txt index 622bff6..e25a017 100644 --- a/14/37.txt +++ b/14/37.txt @@ -1 +1 @@ -\v 37 \v 38 37 कोइ अपनके अगमवक्ता अथवा आत्मिकी आदमी सम्झत हए, तव मए लिखो बात फिर परमेश्वरको आज्ञा हए करके बो स्वीकार करए| 38 पर कोइ जाको वास्ता नाए करतहए, तव बाको फिर वास्ता नाए हुइहए| \ No newline at end of file +\v 37 37 कोइ अपनके अगमवक्ता अथवा आत्मिकी आदमी सम्झत हए, तव मए लिखो बात फिर परमेश्वरको आज्ञा हए करके बो स्वीकार करए| \v 38 38 पर कोइ जाको वास्ता नाए करतहए, तव बाको फिर वास्ता नाए हुइहए| \ No newline at end of file diff --git a/14/39.txt b/14/39.txt index d050189..52445ff 100644 --- a/14/39.txt +++ b/14/39.txt @@ -1 +1 @@ -\v 39 \v 40 39 जहेमारे भैया तुम, अगमवाणी बोलन उत्कट इच्छा करओ, और अन्य भाषा बोलन मनाही मतकरओ, 40 पर सब काम शिष्टतापूर्वक और सुव्यवस्थित ढङसे होन पणत हए| \ No newline at end of file +\v 39 39 जहेमारे भैया तुम, अगमवाणी बोलन उत्कट इच्छा करओ, और अन्य भाषा बोलन मनाही मतकरओ, \v 40 40 पर सब काम शिष्टतापूर्वक और सुव्यवस्थित ढङसे होन पणत हए| \ No newline at end of file diff --git a/15/01.txt b/15/01.txt index 9ed1805..dc1e428 100644 --- a/15/01.txt +++ b/15/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 15 \v 1 \v 2 1 भैया तुम, मए तुमके प्रचार करो सुसमाचार मए तुमके याद दिलान चाहत हौ, जौन सुसमाचार तुम ग्रहण करे, और जोमे तुम स्तिर रहतहौ| 2 जा सुसमाचारसे तुमर उध्दार भव हए, अगर जामे तुम अटल रहबैगे कहेसे, नत तुम व्यर्थैमे विश्वास करहौ| \ No newline at end of file +\c 15 \v 1 1 भैया तुम, मए तुमके प्रचार करो सुसमाचार मए तुमके याद दिलान चाहत हौ, जौन सुसमाचार तुम ग्रहण करे, और जोमे तुम स्तिर रहतहौ| \v 2 2 जा सुसमाचारसे तुमर उध्दार भव हए, अगर जामे तुम अटल रहबैगे कहेसे, नत तुम व्यर्थैमे विश्वास करहौ| \ No newline at end of file diff --git a/15/03.txt b/15/03.txt index 94726bf..7d45d91 100644 --- a/15/03.txt +++ b/15/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 \v 4 3 काहेकी मए जो पाओ बो सबसे मुख्य विषयके रुपमे तुमके सौपदाओ,अथवा पवित्र धर्मशास्त्र अनुसार ख्रीष्ट हमरो पापके ताहि मरो रहए| 4 बो गणो रहए, और पवित्र धर्मशास्त्र अनुसार तिसरो दिनमे बो फिर जिन्दा भव रहए| \ No newline at end of file +\v 3 3 काहेकी मए जो पाओ बो सबसे मुख्य विषयके रुपमे तुमके सौपदाओ,अथवा पवित्र धर्मशास्त्र अनुसार ख्रीष्ट हमरो पापके ताहि मरो रहए| \v 4 4 बो गणो रहए, और पवित्र धर्मशास्त्र अनुसार तिसरो दिनमे बो फिर जिन्दा भव रहए| \ No newline at end of file diff --git a/15/05.txt b/15/05.txt index aa5d748..ad17562 100644 --- a/15/05.txt +++ b/15/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 \v 6 \v 7 5 बो केफासठीन, और बाह्र जनैठीन दिखानो रहए| 6 पिच्छु बो एकै समयमे पाँच सयसे जद्धा भैयाठीन एकसंग दिखानो रहए, जे मैसे बेढम अभेसम्म हए| पर कोइ-कोइ सोत हए| 7 फिर पच्छु याकूब और सब प्रेरितठीन बो दिखानो रहए| \ No newline at end of file +\v 5 5 बो केफासठीन, और बाह्र जनैठीन दिखानो रहए| \v 6 6 पिच्छु बो एकै समयमे पाँच सयसे जद्धा भैयाठीन एकसंग दिखानो रहए, जे मैसे बेढम अभेसम्म हए| पर कोइ-कोइ सोत हए| \v 7 7 फिर पच्छु याकूब और सब प्रेरितठीन बो दिखानो रहए| \ No newline at end of file diff --git a/15/08.txt b/15/08.txt index 0f9da06..d271642 100644 --- a/15/08.txt +++ b/15/08.txt @@ -1 +1 @@ -\v 8 \v 9 8 सबसे पिच्छु असमयमे जन्मो आदमीठीन जैसो मिरठीन फिर बो दिखानो रहए| 9 काहेकी प्रेरितमैसे मए सबसे तुच्छ हौ| मए प्रेरित कहनको योग्य नैयाँ| काहेकी मए परमेश्वरको मण्डलीके खेदो करो| \ No newline at end of file +\v 8 8 सबसे पिच्छु असमयमे जन्मो आदमीठीन जैसो मिरठीन फिर बो दिखानो रहए| \v 9 9 काहेकी प्रेरितमैसे मए सबसे तुच्छ हौ| मए प्रेरित कहनको योग्य नैयाँ| काहेकी मए परमेश्वरको मण्डलीके खेदो करो| \ No newline at end of file diff --git a/15/10.txt b/15/10.txt index dcb146a..a6bde65 100644 --- a/15/10.txt +++ b/15/10.txt @@ -1 +1 @@ -\v 10 \v 11 10 संसारमे शायद बहुत किसिमके भाषा हँए| बे कोइ फिर अर्थहिन नैयाँ| 11 जहेमारे मए भव फिर अथवा बे भए फिर, हम जो प्रचार करत हए, सो तुम विश्वास करे हौ| \ No newline at end of file +\v 10 10 संसारमे शायद बहुत किसिमके भाषा हँए| बे कोइ फिर अर्थहिन नैयाँ| \v 11 11 जहेमारे मए भव फिर अथवा बे भए फिर, हम जो प्रचार करत हए, सो तुम विश्वास करे हौ| \ No newline at end of file diff --git a/15/12.txt b/15/12.txt index fe07071..5fbd229 100644 --- a/15/12.txt +++ b/15/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 \v 13 \v 14 12 मरो भएनसे ख्रीष्ट पुनरुत्थान भव| कहिके प्रचार करीहए कहेसे कैसे तुमरमैसे कोइ-कोइ मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहिके कहन सिकैगे? 13 पर अगर मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहेसे ख्रीष्ट फिर मरके पुनर्जीविन नाए भव हए| 14 अगर ख्रीष्ट मरके पुनर्जीवित नाए भव हए कहेसे हमरो प्रचार व्यर्थ हए, और तुमरो विश्वास फिर व्यर्थ हए \ No newline at end of file +\v 12 12 मरो भएनसे ख्रीष्ट पुनरुत्थान भव| कहिके प्रचार करीहए कहेसे कैसे तुमरमैसे कोइ-कोइ मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहिके कहन सिकैगे? \v 13 13 पर अगर मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहेसे ख्रीष्ट फिर मरके पुनर्जीविन नाए भव हए| \v 14 14 अगर ख्रीष्ट मरके पुनर्जीवित नाए भव हए कहेसे हमरो प्रचार व्यर्थ हए, और तुमरो विश्वास फिर व्यर्थ हए \ No newline at end of file diff --git a/15/15.txt b/15/15.txt index 8981805..2e3f12c 100644 --- a/15/15.txt +++ b/15/15.txt @@ -1 +1 @@ -\v 15 \v 16 \v 17 15 बासे जद्धा हम परमेश्वरके बारेमे झूठो साक्षी ठहरत हए, काहेकी ख्रीष्टके मरके पुनर्जीवित पारिहए कहिके हम परमेश्वरको बारेमे गवाही देत हए| पर नेहत्व मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहेसे बो ख्रीष्टके पुनर्जीवित नाए पारि हए| 16 काहेकी अगर मरो भव पुनरुत्थान नाए हुइहए त ख्रीष्ट फिर मरके जिन्दा नाए भव हए| 17 ख्रीष्ट पुनर्जीवित नाए भव हए कहेसे तुमर विश्वास व्यर्थ हए, और तुम अभेसम्म अपन पापमे नाए हौ| \ No newline at end of file +\v 15 15 बासे जद्धा हम परमेश्वरके बारेमे झूठो साक्षी ठहरत हए, काहेकी ख्रीष्टके मरके पुनर्जीवित पारिहए कहिके हम परमेश्वरको बारेमे गवाही देत हए| पर नेहत्व मरके पुनरुत्थान नाए हुइहए कहेसे बो ख्रीष्टके पुनर्जीवित नाए पारि हए| \v 16 16 काहेकी अगर मरो भव पुनरुत्थान नाए हुइहए त ख्रीष्ट फिर मरके जिन्दा नाए भव हए| \v 17 17 ख्रीष्ट पुनर्जीवित नाए भव हए कहेसे तुमर विश्वास व्यर्थ हए, और तुम अभेसम्म अपन पापमे नाए हौ| \ No newline at end of file diff --git a/15/18.txt b/15/18.txt index ea21d08..94322fe 100644 --- a/15/18.txt +++ b/15/18.txt @@ -1 +1 @@ -\v 18 \v 19 18 तभि त ख्रीष्टमे सोनबारे फिर नष्ट भए हए| 19 अगर जा जीवनके ताहि इकल्लो ख्रीष्टमे हम आशा करेहए कहेसे हम सबए आदमीसे जद्धा दयनीय हए \ No newline at end of file +\v 18 18 तभि त ख्रीष्टमे सोनबारे फिर नष्ट भए हए| \v 19 19 अगर जा जीवनके ताहि इकल्लो ख्रीष्टमे हम आशा करेहए कहेसे हम सबए आदमीसे जद्धा दयनीय हए \ No newline at end of file