diff --git a/05/09.txt b/05/09.txt index 0a59283..4cc5ee9 100644 --- a/05/09.txt +++ b/05/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 मए मिर पत्रमे तुमके ताहिँ व्यभिचारको संगत मतकरीओ काहिके लिखो रहौँ । \v 10 बाको अर्थ, जा संसारके व्यभिचारी, लोभी, अथवा लुटहा, और मूर्तिपूजक संग बीलकुल सङ्गत मतकरिओं काहिके न कहो हऔ, नत तुमके संसारसे निकर पड्जएहय । \ No newline at end of file +\v 9 मए मिर पत्रमे तुमके ताहिँ व्यभिचारको संगत मतकरीओ काहिके लिखो रहौँ । \v 10 बाको अर्थ, जा संसारके व्यभिचारी, लोभी, अथवा लुटहा, और मूर्तिपूजक संग बीलकुल सङ्गत मतकरिओं काहिके न कहो हऔ, नत तुमके संसारसे निकरन पड्जएहय । \ No newline at end of file diff --git a/05/11.txt b/05/11.txt index b75d0ba..3ff4ead 100644 --- a/05/11.txt +++ b/05/11.txt @@ -1 +1 @@ -\v 11 11 पर आईसो सङ्गत मतकरीओ कहिके मए तुमके ताहिँ लिखो, जौन अपनयके विश्वासी भैया हौ काहिके कहतहए, पर वास्तवमे बो व्यभिचारी, और लोभी, और मूर्तिपूजक, और निन्दा करनबारो, और मतवालो और लुटहा हए । बो अइसो आदमीकेसंग त खान फिर मत बैठओ \v 12 ।12 काहेकी बाहिर बालेके इन्साफ करन मोके का खाँचो? का तुम मण्डली भितरके न्याय करन ना पड्त हए का ? \v 13 13 बाहिरबालेके न्याय परमेश्वरय करत हए| “तुम अपन बीचसे दुष्ट आदमीके निकारदेओ ।” \ No newline at end of file +\v 11 पर आईसो सङ्गत मतकरीओ कहिके मए तुमके ताहिँ लिखो, जौन अपनयके विश्वासी भैया हौ काहिके कहतहए, पर वास्तवमे बो व्यभिचारी, और लोभी, और मूर्तिपूजक, और निन्दा करनबारो, और मतवालो और लुटहा हए । बो अइसो आदमीकेसंग त खान फिर मत बैठओ ।\v 12 काहेकी बाहिर बालेके इन्साफ करन मोके का खाँचो? का तुम मण्डली भितरके न्याय करन ना पड्त हए का ? \v 13 बाहिरबालेके न्याय परमेश्वरय करत हए| “तुम अपन बीचसे दुष्ट आदमीके निकारदेओ ।” \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index a362332..61d2a3f 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -86,6 +86,7 @@ "05-01", "05-03", "05-06", + "05-09", "06-title", "07-title", "09-title",