Thu Jul 27 2023 16:16:19 GMT+0545 (Nepal Time)
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\v 22 \v 23 22 काहेकी जैसी आदममे सब मरे हए, अइसी करके ख्रीष्टमे सब जिन्दा हुइहए| 23 पर हरेक अपनो-अपनो क्रमअनुसार- ख्रीष्टचाहिँ अगौटे फल, पिच्छु बाको पुनरागमनमे ख्रीष्ट अपनै|
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\v 22 22 काहेकी जैसी आदममे सब मरे हए, अइसी करके ख्रीष्टमे सब जिन्दा हुइहए| \v 23 23 पर हरेक अपनो-अपनो क्रमअनुसार- ख्रीष्टचाहिँ अगौटे फल, पिच्छु बाको पुनरागमनमे ख्रीष्ट अपनै|
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\v 24 \v 25 \v 26 24 तव अन्तमे आए हए, जब बाको हरेक शासन, हरेक अख्तियार और शक्ति नष्ट पारके परमेश्वर, अथवा पिताको राज्य सौपदेहए| 25 काहेकी बो अपन सारा शत्रुके अपन पाओ तरे नाएकरनतक बो राज्य करन पणौगो| 26 सबसे पिच्छु नष्ट करनबारो मृत्यु हए|
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\v 24 24 तव अन्तमे आए हए, जब बाको हरेक शासन, हरेक अख्तियार और शक्ति नष्ट पारके परमेश्वर, अथवा पिताको राज्य सौपदेहए| \v 25 25 काहेकी बो अपन सारा शत्रुके अपन पाओ तरे नाएकरनतक बो राज्य करन पणौगो| \v 26 26 सबसे पिच्छु नष्ट करनबारो मृत्यु हए|
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\v 27 \v 28 27 "काहेकी परमेश्वर सबै बात बाके पाउतरे अधिनमे धरीहए|” पर जा त स्पष्ट हए, कि ""सबै बात बाके अधिनमे धरीहए"" जहेमारे परमेश्वर अपनए जा अधिनमे नाएहए, जो सब बात ख्रीष्टको अधिनमे धरदै हए| " 28 जब सब बात बाके अधिनमे लातहए, तव स्वयम पुत्र बाको अधिनमे होतहए, जो सब चिज बाके अधिनमे धरत हए, ताकि परमेश्वर नाए सब चिज सर्वेसर्वा होबए
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\v 27 27 "काहेकी परमेश्वर सबै बात बाके पाउतरे अधिनमे धरीहए|” पर जा त स्पष्ट हए, कि ""सबै बात बाके अधिनमे धरीहए"" जहेमारे परमेश्वर अपनए जा अधिनमे नाएहए, जो सब बात ख्रीष्टको अधिनमे धरदै हए| " \v 28 28 जब सब बात बाके अधिनमे लातहए, तव स्वयम पुत्र बाको अधिनमे होतहए, जो सब चिज बाके अधिनमे धरत हए, ताकि परमेश्वर नाए सब चिज सर्वेसर्वा होबए
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\v 29 \v 30 29 नत मरेभएके ताहि बप्तिस्मा लाओको अर्थ का भव? मरेभए जिन्दा नाए हुईके फिर त बिनके ताहि आदमी काहे बप्तिस्मा लेतहए? 30 मए काहे हरघड़ी जोखिममे पणतहओ|
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\v 29 29 नत मरेभएके ताहि बप्तिस्मा लाओको अर्थ का भव? मरेभए जिन्दा नाए हुईके फिर त बिनके ताहि आदमी काहे बप्तिस्मा लेतहए? \v 30 30 मए काहे हरघड़ी जोखिममे पणतहओ|
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\v 31 \v 32 31 भैया तुम, हमर प्रभु येशूमे तुमर करन मए गर्व करत हौ, और मए कहन सिक्त हौ, कि प्रत्येक दिन मए मरत हौ| 32 आदमीको बात करन हए कहेसे, एफिससमे जङ्गली जनावरसंग मिर लड़ाईके मोके का फाइदा भव? मरोभव जिन्दा नाए हुईतो तव, “हम खामै और पितए, काहेकी कल त हम मरजए हए|”
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\v 31 31 भैया तुम, हमर प्रभु येशूमे तुमर करन मए गर्व करत हौ, और मए कहन सिक्त हौ, कि प्रत्येक दिन मए मरत हौ| \v 32 32 आदमीको बात करन हए कहेसे, एफिससमे जङ्गली जनावरसंग मिर लड़ाईके मोके का फाइदा भव? मरोभव जिन्दा नाए हुईतो तव, “हम खामै और पितए, काहेकी कल त हम मरजए हए|”
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\v 33 \v 34 33 भ्रममे मत पणओ| खराब सङ्गतसे अच्छो चरित्रके नष्ट करत हए| 34 होशमे होबौ, अब पाप मत करौ| काहेकी कित्तोके त परमेश्वरको ज्ञान नैयाँ| तुमके लाजमे पारन मए जा कहो हौ
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\v 33 33 भ्रममे मत पणओ| खराब सङ्गतसे अच्छो चरित्रके नष्ट करत हए| \v 34 34 होशमे होबौ, अब पाप मत करौ| काहेकी कित्तोके त परमेश्वरको ज्ञान नैयाँ| तुमके लाजमे पारन मए जा कहो हौ
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\v 35 \v 36 35 "पर कोइ पुछैगो ""मरो भव कैसे जिन्दा होत हए, और बे कैसो प्रकारको शरीर लैके आतहए?” " 36 ए मूर्ख! जो तुम लगातहौ बो ना मरके सजीव नाए होत हए|
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\v 35 35 "पर कोइ पुछैगो ""मरो भव कैसे जिन्दा होत हए, और बे कैसो प्रकारको शरीर लैके आतहए?” " \v 36 36 ए मूर्ख! जो तुम लगातहौ बो ना मरके सजीव नाए होत हए|
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\v 37 \v 38 \v 39 37 जो तुम लगात हौ बो चाहिँ पच्छु होनबारी शरीर नैयाँ, पर बीज इकल्लो लगात हौ, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए| 38 पर अपनके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और हरेक किसिमको बीजके बहेको शरीर देतहए| 39 सबै शरीर एक किसिमको नाए होत हए| आदमीको शरीर एक किसिमको, और जीवजन्तुको दुसरो किसिमको, चिरैयाको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर हए|
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\v 37 37 जो तुम लगात हौ बो चाहिँ पच्छु होनबारी शरीर नैयाँ, पर बीज इकल्लो लगात हौ, चाहे बो गेहूँ, अथवा और कोइ किसिमको अन्न होबए| \v 38 38 पर अपनके खुशी लागोजैसो परमेश्वर बोके एक शरीर देतहए, और हरेक किसिमको बीजके बहेको शरीर देतहए| \v 39 39 सबै शरीर एक किसिमको नाए होत हए| आदमीको शरीर एक किसिमको, और जीवजन्तुको दुसरो किसिमको, चिरैयाको औरे किसिमको, और मछ्रीको औरे किसिमको शरीर हए|
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\v 40 \v 41 40 तव शरीर फिर स्वर्गीय और मट्टीको होत हए| स्वर्गीय शरीरको तेज एक किसिमको हए, और मट्टीको शरीरको तेज औरे किसिमको होतहए| 41 दिनको तेज एक किसिमको, जोनीको तेज दुसरे किसिमको, और ताराको तेज औरे किसिमको होत हए| काहेकी एक तारा औरो तारा से फरक तेजको होत हए|
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\v 40 40 तव शरीर फिर स्वर्गीय और मट्टीको होत हए| स्वर्गीय शरीरको तेज एक किसिमको हए, और मट्टीको शरीरको तेज औरे किसिमको होतहए| \v 41 41 दिनको तेज एक किसिमको, जोनीको तेज दुसरे किसिमको, और ताराको तेज औरे किसिमको होत हए| काहेकी एक तारा औरो तारा से फरक तेजको होत हए|
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\v 42 \v 43 \v 44 42 मरके पुनरुत्थान फिर अइसी हए| जौन शरीर विनाशमे गणत हए| बो अविनाशीमे जिन्दा होत हए| 43 अनादरमे बो गणत हए, महीमामे बो जिन्दा होत हए| दुर्बलतामे बो गणत हए,शक्तिमे बो जिन्दा होतहए| 44 प्राकृतिक शरीरमे बो गणत हए, आत्मिक शरीरमे बो जिन्दा होतहए| प्राकृतिक शरीर हए कहेसे आत्मिक शरीर फिर अवश्यक हए
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\v 42 42 मरके पुनरुत्थान फिर अइसी हए| जौन शरीर विनाशमे गणत हए| बो अविनाशीमे जिन्दा होत हए| \v 43 43 अनादरमे बो गणत हए, महीमामे बो जिन्दा होत हए| दुर्बलतामे बो गणत हए,शक्तिमे बो जिन्दा होतहए| \v 44 44 प्राकृतिक शरीरमे बो गणत हए, आत्मिक शरीरमे बो जिन्दा होतहए| प्राकृतिक शरीर हए कहेसे आत्मिक शरीर फिर अवश्यक हए
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\v 45 \v 46 45 जहेमारे अइसो लिखो हए, “पहिलो आदमी आदम जीवित प्राणी भव|” अन्तिमे आदम जीवन देनबारो आत्मा भव| 46 पहिलो आत्मिक नैयाँ, पर प्राकृतिक हए, और पिच्छुबारो आत्मिक रहए|
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\v 45 45 जहेमारे अइसो लिखो हए, “पहिलो आदमी आदम जीवित प्राणी भव|” अन्तिमे आदम जीवन देनबारो आत्मा भव| \v 46 46 पहिलो आत्मिक नैयाँ, पर प्राकृतिक हए, और पिच्छुबारो आत्मिक रहए|
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\v 47 \v 48 \v 49 47 पहिलो आदमी मट्टीसे बानो रहए, पृथ्वीसे हए| दुसरो आदमी स्वर्गको हए| 48 मट्टीसे बानो आदमीजैसो रहए, मट्टीसे बने फिर अइसी होतहए, और स्वर्गीय आदमी जैसे हए, स्वर्गके फिर अइसी होतहए| 49 जैसी हम मट्टीको आदमीको रूप धारन करेहए| अइसी स्वर्गके आदमीके रुप धारण कर हए|
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\v 47 47 पहिलो आदमी मट्टीसे बानो रहए, पृथ्वीसे हए| दुसरो आदमी स्वर्गको हए| \v 48 48 मट्टीसे बानो आदमीजैसो रहए, मट्टीसे बने फिर अइसी होतहए, और स्वर्गीय आदमी जैसे हए, स्वर्गके फिर अइसी होतहए| \v 49 49 जैसी हम मट्टीको आदमीको रूप धारन करेहए| अइसी स्वर्गके आदमीके रुप धारण कर हए|
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\v 50 \v 51 50 अब भैया तुम, मए तुमके जा कहत हौ, मासु और रगत स्वर्गको राज्यको हकदार होन नाएपए हए, नत विनाश अविनाशको हकदार हुइपए हए| 51 देखओ, मए तुमसे एक रहस्य कहत हौँ हम सब नाएसुन्त हए, पर हम सबको परिवर्तन होबैगो
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\v 50 50 अब भैया तुम, मए तुमके जा कहत हौ, मासु और रगत स्वर्गको राज्यको हकदार होन नाएपए हए, नत विनाश अविनाशको हकदार हुइपए हए| \v 51 51 देखओ, मए तुमसे एक रहस्य कहत हौँ हम सब नाएसुन्त हए, पर हम सबको परिवर्तन होबैगो
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\v 52 \v 53 52 एकछिनमे, आँखीको एक टिमकनमे, तुरहीको आवाजमे काहेकी, तुरही बजहए, और मरेभए अविनाशी हुइके जिन्दा हुइहए| और हमरो परिवर्तन हुइहए| 53 काहेकी जा विनाशी स्वभाव अविनाशी, और जा मरनबारो शरीर अमरत्व धारन करन पणैगो|
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\v 52 52 एकछिनमे, आँखीको एक टिमकनमे, तुरहीको आवाजमे काहेकी, तुरही बजहए, और मरेभए अविनाशी हुइके जिन्दा हुइहए| और हमरो परिवर्तन हुइहए| \v 53 53 काहेकी जा विनाशी स्वभाव अविनाशी, और जा मरनबारो शरीर अमरत्व धारन करन पणैगो|
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