Thu May 18 2023 23:00:21 GMT+0545 (Nepal Time)

This commit is contained in:
Rana_Tharu 2023-05-18 23:00:21 +05:45
parent 134dbf0dec
commit 7ae14fec66
5 changed files with 5 additions and 0 deletions

1
14/20.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 20 \v 21 20 भैया तुम, सोच- विचारमे बालक मत बनओ| खराबीके ताहि बालक बनओ, पर सोच- विचारमे परिपक्का बनओ| 21 व्यवस्थामे लिखो हए, अनौठो भाषा बोलनबारे आदमीसे और विदेशीके ओठसे जा आदमी बोलत हए, और फिर बे मेरो बात सुनत नैयाँ, परमप्रभु कहत हए

1
14/22.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 22 \v 23 22 जहेमारे अन्य भाषा विश्वासीके ताहि नैयाँ, पर अविश्वासीके ताहि चिन्हा हए पर अगमवाणीचाहिँ अविश्वासीके ताहि नैयाँ पर विश्वासीके ताहि हए| 23 अगर जम्मए मण्डली इकठ्ठा हुइके हरेक अन्य भाषामे बुलहए कहेसे, और विश्वास नकरनबारे आदमी और नाए बुझ हए तव हुवाँ आए भए तुमके पागल नाए बतए हए का?

1
14/24.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 24 \v 25 24 तव सब अगमवाणी कहत बेरा कोइ अविश्वासी अथवा बाहिरको आदमी हुवाँ घुसी गओ तव सब से अग्गु अपनो पापको बोध हुइहए, और सबसे बो जँचैगो| 25 "बाकि हृदयकि लुकी बात प्रकट हुइहए, और घुप्टाएके बो परमेश्वरके पुज हए, और बो ""परमेश्वर तुमके विचमे हए"" करके घोषण करत हए|"

1
14/26.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 26 \v 27 \v 28 26 भैया तुम, अब हम का कहए? तुम एक ठिन इकठ्ठा होत हरेकसंग भजन और शिक्षा, प्रकाश, अन्य भाषा और अर्थ खोलाई होत हए| जा सब बात आत्मिक वृध्दिके ताहि हए| 27 कोइ अन्य भाषा बोलत हए तव दुई जनै इकल्लो ज़द्धामे तिन जनै पालो पालोसंग बोलए और एक जनै बाको अर्थ खोलए| 28 अर्थ खोलनबारो हुवाँ कोइ नैयाँ तव बोलनबारो मण्डलीके सभामे चूप रहए, और बो अपनएसंग और परमेश्वरसंग बोलए|

1
14/29.txt Normal file
View File

@ -0,0 +1 @@
\v 29 \v 30 29 अगमवाणी बोलनचाहिँ दुई या तिन जनै होमए और बिनको बोलि भई बातके अच्छेसे जाँच करए| 30 पर हुवाँ बैठनबारे कोइ एक जनैके प्रकाश आओ तव पहिले वक्ताचाहिँ चूप रहबए|